१५ जून २०१४
उनींदी उत्सुक आँखे
बढ़ता ख़ुमार
भागते कलाबाज़ी दिखाते खिलाड़ी
उनसे भी तेज़ भागते रेफ़री
हज़ारों दर्शक, करोड़ों और
सबका जूनून एक/ गोल एक
Goal भी एक..
आशाएं आकांक्षाएं
आंसू एक, एक ख़ुशी झलकाता एक निराशा
सबको एक सूत्र में पिरोंता, फूटबाल
बिना जूनून की ये कैसी ज़िन्दगीजोश है तो जहान है
उनींदी उत्सुक आँखे
बढ़ता ख़ुमार
भागते कलाबाज़ी दिखाते खिलाड़ी
उनसे भी तेज़ भागते रेफ़री
हज़ारों दर्शक, करोड़ों और
सबका जूनून एक/ गोल एक
Goal भी एक..
आशाएं आकांक्षाएं
आंसू एक, एक ख़ुशी झलकाता एक निराशा
सबको एक सूत्र में पिरोंता, फूटबाल
बिना जूनून की ये कैसी ज़िन्दगीजोश है तो जहान है
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