Thursday, January 1, 2015

इन्तज़ार

२७ जून २०१४

उम्र मरने की होती या जीने की
गति आगे ले जाती है या पीछे
गति गति और तेज़ गति
उसका मज़ा क्या होता है
यह हमें कभी पता न चल पायेगा
क्योंकि राह देखती माँ
पथराई आँखों से करेगी वोह इंतज़ार
जो सिर्फ इंतज़ार ही रह जाएगा...

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