Thursday, January 1, 2015

एक और अनेक

१४ नवम्बर २०१४

एक पहिये पर गाड़ी नहीं चलती लम्बी
और आसां
सरकसी शिक्षण ज़रूरी है
दो पहिये पर भी सन्तुलन और लगातार
ध्यान ज़रूरी है
जब और पहिये जुड़ जाएँ 
तो राह होती है आसां 
गति भी तेज़
चाहो तो आसमां आैर अन्तरिक्ष भी
फ़तह हो जाएँ 
इसलिये "एकला चालो" छोड़ो
सबको साथ लेकर चलो
ऊँची उड़ाने भरो

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