१४ नवम्बर २०१४
एक पहिये पर गाड़ी नहीं चलती लम्बी
और आसां
सरकसी शिक्षण ज़रूरी है
दो पहिये पर भी सन्तुलन और लगातार
ध्यान ज़रूरी है
जब और पहिये जुड़ जाएँ
तो राह होती है आसां
गति भी तेज़
चाहो तो आसमां आैर अन्तरिक्ष भी
फ़तह हो जाएँ
इसलिये "एकला चालो" छोड़ो
सबको साथ लेकर चलो
ऊँची उड़ाने भरो
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