Thursday, January 1, 2015

अच्छे दिन

२३ जून २०१४

भीषण गरमी का हाहाकार
पटरी से उतरती जिन्दगियां
दस्तक देते काले घने बादल
शंकित मन
क्या कुछ बदलेगा आज, अभी
या हवा इन्हें उड़ा ले जायेगी और
अपेक्षित पथरायी आँखे जस की तस
इंतज़ार करती रहेंगी उन
अच्छे  दिनों का..

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