Thursday, January 1, 2015

दिल्ली की सड़कें

१७ जून २०१४

कारों का कारवाँ था या कारों की भीड़
जो भी हो, सब की कोशिश रही कि
आप उसमें शामिल ना हों
पर बुलंदियों की फ़तह हुई
कारवाँ बढ़ता गया और
मंजिलें और दूर होती रही
क्या ज़िन्दगी सड़क का
पर्यायवाची शब्द है ..

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