३० जुलाई २०१४ (ईद उल फितर)
मैं टोपी नहीं पहनता
मैं तो टोपी पहनाता हूँ
मैं इफ्तार नहीं खाता
मैं तो घेवर बंटवाता हूँ
चलो आप कहते हैं कि
अब सांझ हो चली है
मन तो नहीं करता
पर फिर भी कह ही देता हूँ
मुबारक हो भाई मुबारक...
मैं टोपी नहीं पहनता
मैं तो टोपी पहनाता हूँ
मैं इफ्तार नहीं खाता
मैं तो घेवर बंटवाता हूँ
चलो आप कहते हैं कि
अब सांझ हो चली है
मन तो नहीं करता
पर फिर भी कह ही देता हूँ
मुबारक हो भाई मुबारक...
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