०९ जुलाई २०१४
जो चाहे सो आवे
जो चाहे सो पावे
सिज़र ने द्वार खोले
असूवन ने आखें
फीका पड़ा पीला - नीला
हुआ शर्मसार मेज़बान
माचवे तांडव
मूलर, क्लोस, क्रोस, खदिरा
बजावे जर्मनी ढोल मजीरा
जो चाहे सो आवे
जो चाहे सो पावे
सिज़र ने द्वार खोले
असूवन ने आखें
फीका पड़ा पीला - नीला
हुआ शर्मसार मेज़बान
माचवे तांडव
मूलर, क्लोस, क्रोस, खदिरा
बजावे जर्मनी ढोल मजीरा
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