२७ जून २०१४
नन्हे पैरों ने कब दौड़ना सीख लिया
पता ही नहीं चला
नन्ही जुबां ने कब फ़र्राटे से
बोलना शुरू किया
ठीक से याद भी नहीं
वक़्त की रफ़्तार तो वही होती है
बस हम ही उसे कभी धीमा
कभी तेज़ कर देते हैं
गुमसुम सा आभास देने वाला बालक
कब अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर प्रसिद्धि पा गया
पता ही नहीं चला
वक़्त की रफ़्तार तो वही होती है
बस हम ही उसे कभी धीमा
कभी तेज़ कर देते हैं...
नन्हे पैरों ने कब दौड़ना सीख लिया
पता ही नहीं चला
नन्ही जुबां ने कब फ़र्राटे से
बोलना शुरू किया
ठीक से याद भी नहीं
वक़्त की रफ़्तार तो वही होती है
बस हम ही उसे कभी धीमा
कभी तेज़ कर देते हैं
गुमसुम सा आभास देने वाला बालक
कब अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर प्रसिद्धि पा गया
पता ही नहीं चला
वक़्त की रफ़्तार तो वही होती है
बस हम ही उसे कभी धीमा
कभी तेज़ कर देते हैं...
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