२८ जून २०१४
वृक्षों की शाखाओं पर
बैठा पंछी
कभी फुर्र से उड़ जाता
कभी फुर्र से वापस आ जाता
कभी पेड़ खुश तो कभी उदास
कभी सुना है पेड़ों का भावुक होना
पर ऐसा भी होता है.. कभी कभी
कभी कभी ऐसा भी होता है..
वृक्षों की शाखाओं पर
बैठा पंछी
कभी फुर्र से उड़ जाता
कभी फुर्र से वापस आ जाता
कभी पेड़ खुश तो कभी उदास
कभी सुना है पेड़ों का भावुक होना
पर ऐसा भी होता है.. कभी कभी
कभी कभी ऐसा भी होता है..
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