जनवरी ११, २०१५
बच्चों का हँसना-खेलना
किलकारियाँ मारना
कितना अच्छा लगता है
हमेंशा ऐसा क्यूँ होता है कि
जो अच्छा लगे उसपर
अंकुश लगाया जाए
पहले कहा बस दो या तीन बच्चे
होते हैं घर में अच्छे
फिर कहा हम दो हमारे दो
अरे खुदा की देन पर कोई
कैसे बन्दिश लगाए
भला हो साक्षी महाराज का
जो आँगन सूना हो गया था
वह फिर से भरेगा
अब हर हिन्दू परिवार
अपने चार चार बच्चों का
कोटा पूरा करेगा।
प्रदीप
रविवार जनवरी ११, २०१५
(Disclaimer : please find the reference/quote from Shri Sakshi Maharaja, a sadhu and politician before any interpretation)
बच्चों का हँसना-खेलना
किलकारियाँ मारना
कितना अच्छा लगता है
हमेंशा ऐसा क्यूँ होता है कि
जो अच्छा लगे उसपर
अंकुश लगाया जाए
पहले कहा बस दो या तीन बच्चे
होते हैं घर में अच्छे
फिर कहा हम दो हमारे दो
अरे खुदा की देन पर कोई
कैसे बन्दिश लगाए
भला हो साक्षी महाराज का
जो आँगन सूना हो गया था
वह फिर से भरेगा
अब हर हिन्दू परिवार
अपने चार चार बच्चों का
कोटा पूरा करेगा।
प्रदीप
रविवार जनवरी ११, २०१५
(Disclaimer : please find the reference/quote from Shri Sakshi Maharaja, a sadhu and politician before any interpretation)