Wednesday, January 10, 2018

ठिठूरन


पारे के ऊपर नीचे होने पर
समाज की दरारें सामने आ जाती हैं
जब पारा गिरता है तो
हम जैसे कुछ के लिये
अच्छे अच्छे रंगबिरंगे कपडों 
में सजने का अवसर आता है
कभी हीटर तो कभी मोटी रज़ाईयो में
तापने और बैठने/ सोने का आनन्द
पारे के चढ़ने पर एसी का लुत्फ
या पहाड़ों की ठंडक
पारा गिरे या चढ़े
कुछ लोग सड़कों पर
उस ईश्वर में विलीन होने पर
हैं मज़बूर 
चाहे गर्मी मे लू की झुलस हो या
जाड़े मे ठंड की ठिठूरन।

प्रदीप/ जनवरी ९, २०१८

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