Tuesday, August 4, 2015

मेरी बगिया के फूल

मेरी बगिया के फूल

फूल चाहे मेरी बगिया के हों 
या तुम्हारी
फूल तो फूल ही हैं
फूलों ने सुन्दरता बिखेरनी हैं
फूलों ने महक फैलानी है
फूल तो आंखो को सुकून देते हैं
फूल तो शान्ती का संदेश हैं
कांटो के बीच गुलाब है
कांटो के राजा केक्टस
का फूल भी कितना प्यारा है
कीचड़ में खिलता है कमल
घर हो या बाहर
जंगल हो, नदी हो चाहे 
नदी का किनारा
फूलों की वही प्रकृति है
प्रफुल्लित, आल्हादित करना
न उनका कोई धर्म है ना कोई जाति
क्या दुश्मन के फूल दोस्तों के फूलों से
भिन्न होते हैं?
काश कि यह दुनिया एक
बगिया होती
काश कि हर इन्सान
एक फूल होता
हर चमन में अमन ही अमन होता।

प्रदीप

अगस्त १, २०१५

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