सन्नाटा
वो दम घोटता धुंआ
शायद उस मां की लाश से उठ रहा होगा
जिसका बेटा उसे जलाने नहीं पंहुच सका होगा
उस भाई का होगा जिसके अंतिम दर्शन को
भाई तड़पता रहा होगा
उस बहन का होगा जिसका भाई
अब राखी पर अपनी सूनी कलाई देखेगा
उस बेटे का होगा जिसका बाप
कलेजे पर पत्थर रख सांस ले रहा होगा
उस दोस्त का होगा जिसने
सारी जिंदगी उसे हंसाया होगा
और उस पत्नी का होगा जिसने
साथ जीने मरने का वादा किया होगा
हां कुछ ऐसे वादे भी पूरे हुए हैं
साथ जिए हैं और साथ मरे हैं
गड्ढों की खुदाई से तेज़ आती लाशें
जो कल अजनबी वो आज
एक ही गढ्ढे में
साथ सोते साथी
कुंभ में डुबकी, और मोक्ष पाने की चाहत भी
पूरी हुई होगी
अपने नेता की चुनावी सभा और उसे
सत्ताधीन कराने की तमन्नाएं
अधूरी रही होगी
वो कर्णभेदी एंबुलेंस की लगातार आती आवाज़ें
वो रोती बिलखती अपीलें
कहीं ऑक्सीजन की कमी से
दम घुटने की तो कहीं
धुएं की घुटन सांसों को भेद रही है
अनिश्चित सी लगती जीने की तमन्नाएं
एक अजीब सा सन्नाटा है
एक अजीब सा सन्नाटा है।
प्रदीप/अप्रैल २९, २०२१
Stillness
That suffocating smoke,
Must be rising from that mother's body
whose son couldn't reach there for her last rites
Must be of the brother whose brother
must have been desperate to see him one last time Must be of the sister whose brother would see his empty wrist next Rakhee
Must be of the son whose father is seeing this with a heavy stone on his heart
Must be of a friend who made him laugh
for a life time
Must be of the wife who had vowed to live and die together
Yes, such promises have come true
They lived and died together
Bodies reaching faster than they could dig graves
Those never met now friends lying together in one grave
Wishing for moksha found that in Kumbh
Unfilled are the wishes of voters attending election rallies, alas! Couldn't see their benefactor rule
The ear piercing noise of ambulances
The heart rendering appeals for oxygen scarcity of which is taking people to another world
Rising smoke from crematoriums
making you breath harder and harder
Unfinishined desires may remain so
Stillness here is so noisy
Stillness here is so noisy.
Pradeep/April 29, 2021.